Friday, August 12, 2016

हमेशा देर कर देता हूँ मैं

हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में
ज़रूरी बात कहनी हो कोई वादा निभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

मदद करनी हो उसकी, यार की ढारस बंधाना हो
बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो
किसी को याद रखना हो किसी को भूल जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो
हक़ीक़त और थी कुछ उसको जा के ये बताना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में

मुनीर नियाज़ी

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